Taiwan Bhukamp
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ताइवान में 3 अप्रैल को 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद दो भारतीय लापता बताए जा रहे थे। वो अब सुरक्षित हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, "भूकंप के बाद दो भारतीयों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। अब उनसे बात हो गई है। वो सुरक्षित हैं।" इधर, भूकंप से जो नुकसान हुआ, उसे मामूली ही माना जा रहा है। वजह है कि इतनी ही तीव्रता के भूकंप से तुर्की में तबाही की तस्वीर दहलाने वाली थी। ताइवान में कम नुकसान की वजह आपदा से निपटने की तैयारी है। सरकार नई और मौजूदा इमारतों के लिए भूकंप प्रतिरोध स्तर को लगातार संशोधित करती रहती है। इससे इमारतों की लागत बढ़ती है, पर राहत के लिए लोगों को सब्सिडी मिलती है। बड़े झटके आने पर इमारत न गिरे ऐसी तकनीक इस्तेमाल की जाती है। नुकसान के आकलन के लिए निगरानी कैमरे भी नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी में भूविज्ञान के प्रोफेसर वू यिह-मिन ने कहा कि हमारी आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली अत्याधुनिक है। ये भूकंप से जुड़े ऑनलाइन पोस्ट और तस्वीरों को स्कैन करती है, जिससे सरकार को संसाधनों को जल्द तैनात करने में मदद मिलती है। भूकंप में एक जगह जमा भीड़ को ट्रैक कर सकती है। नुकसान के आकलन के लिए निगरानी कैमरे हैं। इसके अलावा ताइवान की ट्रेनों में सेंसर लगे हैं। ये भूकंप की तरंगों को ट्रैक करते रहते हैं। भूकंप का आभास होते ही ट्रेन में तुरंत ब्रेक लग जाते हैं। ट्रेन पटरी से न उतरे, इसकी व्यवस्था है। पेंडुलम सिस्टम ने बिल्डिंग के झुकाव की रफ्तार थाम ली ताइवान की सबसे ऊंची इमारत ताइपे 101 भूकंप में हिलती दिखी। वह झुक गई, पर गिरी नहीं। 1,671 फीट ऊंची इस इमारत में भूकंप से निपटने के लिए अनोखा उपाय अपनाया गया है। इसे 'पैसिव डंपिंग सिस्टम' कहते हैं। यह भूकंप और तेज हवा में इमारत के हिलने को 40% तक कम कर देता है। 660 टन का स्टील का गोला जिसे 'ट्यून्ड मास डैम्पर' कहा जाता है, इमारत की 92वीं मंजिल पर पेंडुलम की तरह लगा है। जैसे ही इमारत एक दिशा में झुकती है, गोला दूसरी दिशा में घूमता है और इमारत का संतुलन बनाए रखता है। लंदन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अगाथोक्लिस जियारालिस ने इस उपकरण को 'एक पेंडुलम की तरह' बताया। यह कार सस्पेंशन में शॉक एब्जॉर्बर जैसा काम करता है। स्कूलों में भूकंप से बचाव की शिक्षा जरूरी मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस के भूकंपविज्ञानी स्टीफन गाओ ने कहा, "ताइवान विश्व स्तरीय भूकंपीय नेटवर्क और भूकंप सुरक्षा पर सार्वजनिक शिक्षा अभियान लागू किया है। प्राइमरी स्कूल में ही बच्चों को इसकी ट्रेनिंग देना अनिवार्य है। इसमें बच्चों को भूकंप के समय किस तरह, कहां छिपना है और खुद को बचाना शामिल है। आपदा के वक्त स्कूल से कैसे निकलना है, ये भी सिखाया जाता है। टॉप डाउन और बॉटम अप कल्चर 'टॉप-डाउन' और 'बॉटम अप' गवर्नेस कल्चर है। आपदा तैयारियों में 'टॉप डाउन' के तहत अधिकारी बिल्डिंग कोड को अपडेट और लागू करते हैं। इसमें इमारत से भूकंप की स्थिति में कैसे लोग निकलें, इसे प्लान में शामिल किया जाता है। 'बॉटम-अप' का अर्थ है कि समुदाय साथ काम करते हैं, एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। भूकंप के बाद निकासी में और जरूरतमंद को मदद देना शामिल है।
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February 08, 2024
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